देवांगना

लेखक: आचार्य चतुरसेन शास्त्री

शैली: उपन्यास

विवरण

‘देवांगना’ उपन्यास बारहवीं शताब्दी के अन्तिम चरण की घटनाओं पर आधारित है। इस समय विक्र ...

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अध्याय

आमुख
अध्याय 1 - समारोह
अध्याय 2 - प्रव्रज्या
अध्याय 3 - द्वार प्रवेश
अध्याय 4 - विहार
अध्याय 5 - सुखानन्द
अध्याय 6 - गुरु-शिष्य
अध्याय 7 - महातामस
अध्याय 8 - सुखानन्द का आगमन
अध्याय 9 - वज्रतारा का मन्दिर
अध्याय 10 - टेढ़ी चाल
अध्याय 11 - गूढ़ योजना
अध्याय 12 - वाराणसी
अध्याय 13 - मनोहर प्रभात
अध्याय 14 - अभिसन्धि
अध्याय 15 - एकान्त मिलन
अध्याय 16 - गुरु के सम्मुख
अध्याय 17 - राजा का साला
अध्याय 18 - अँधेरी रात में
अध्याय 19 - रंग में भंग
अध्याय 20 - रहस्योद्घाटन
अध्याय 21 - मन्दिर में
अध्याय 22 - सिद्धेश्वर का कोप
अध्याय 23 - कापालिक के चंगुल में
अध्याय 24 - बन्दी गृह में
अध्याय 25 - प्रसव
अध्याय 26 - दुस्सह सम्वाद
अध्याय 27 - प्रेमोन्माद
अध्याय 28 - प्रतिमा
अध्याय 29 - वज्रगुरु
अध्याय 30 - तलवार
अध्याय 31 - धनंजय श्रेष्ठि का परिवार
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