गोनू झा

शैली: कहानी संग्रह

विवरण

यूँ तो गोनू ...


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अध्याय

गोनू झा की कुश्ती
कोड़ों की सजा
चार पंक्तियों में रामायण
सूद-मूल बराबर
पोथी हुई समाप्त
रात का भाव
गोनू की बहादुरी
पंडिताइन का सहारा
नहले पर दहला
जैसे को तैसा
खेत जोत गए चोर
असम्भव हुआ सम्भव
गुलाब की सुगन्ध
कर्म ही पूजा है
अथ कनौसी कथा
बात ऐसे बनी
पेड़ पर जेवर
शुद्ध मिठाई का भोज
गोनू झा की नियुक्ति
लालच बुरी बला है भाई !
माँ काली का वरदान
आतिशबाजी का सामान
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